मन में वर्षा का पानी समय से भरता ही नहीं है। वर्षा पिछले कई सालों से कम हुई है। होती भी है तो अनियत। इलाके में धान की फसल प्रभावित तो हुई ही, इस मन के देसरिया धान को तो पूरी तरह से चौपट ही कर गई है। जानकारों का कहना है कि यह जलवायु में हो रहे परिवर्तन के लक्षण हैं। अनियत वर्षा या वर्षा का समय खिसकने के कारण फसलों पर गंभीर प्रभाव हो रहे हैं। धान के साथ कई अनाज प्रभावित हुए हैं।
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