बारिश में अंतर से धान में चावल के बदले खखरा

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उत्तर बिहार में आमतौर पर ऐसे खेत मिल जाएंगे। पिछले 20-30 सालों में इलाके की फसली स्थिति बद से बदतर ही होती गई है।मानसूनी बारिस की कमी, असमय वर्षा, गर्मी में बढोतरी और अन्य प्राकृतिक कारणों के साथ ही कुछ कृत्रिम व प्रशासनिक कारण भी रहे हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि जलवायु परिवर्तन के कृषि क्षेत्र पर पडने वाले जिस असर की बात विशेषज्ञ करते रहे हैं, उसका नतीजे की शुरुआत इन खेतों में देखी जा सकती है।

http://www.maitry.blogspot.in/2013/01/blog-post.html

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